फिल्म राजनीतिक विवादों के केंद्र में है. बीजेपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से फिल्म का ट्रेलर साझा किया और कहा कि ‘एक परिवार ने 10 साल तक देश को किस प्रकार से बंधक बनाकर रखा यह उसकी दिलचस्प कहानी है.’
कांग्रेस ने कहा कि 2019 के चुनाव से पहले यह बीजेपी का ‘प्रोपेगेंडा’ है. हालांकि महाराष्ट्र युवा कांग्रेस ने शुरू में मांग की थी कि फिल्म को रिलीज करने से पहले उन्हें दिखाया जाए, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी मांग को वापस ले लिया, क्योंकि पार्टी ने कहा कि वे फिल्म की रिलीज पर रोक की मांग नहीं करेगी.
फिल्म के ट्रेलर से लगता है कि सिंह को कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति के पीड़ित के तौर पर दिखाया गया है, लेकिन खेर ने कहा कि फिल्मकारों ने संप्रग सरकार के 10 सालों को बहुत प्रामाणिकता से पेश किया है.
अभिनेता ने कहा, ‘‘ कांग्रेस पार्टी में कुछ वर्गों का मानना है कि ‘इसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए और हमने फिल्म में उनका (सिंह का) मजाक बनाया है. मेरा मानना है कि फिल्म के बाद, वह (सिंह) भारत के सभी घरों और लोगों के दिलों में होंगे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे (विवादों की) उम्मीद थी. मेरा तर्क यह है कि कांग्रेस पार्टी को संजय बारू पर मुकदमा करना चाहिए था और किताब को प्रतिबंधित करना चाहिए था. यह चार साल से सार्वजनिक है.’’ खेर पूर्व प्रधानमंत्री की भूमिका निभाने के लिए हो रही तारीफों से खुश हैं.
अभिनेता ने कहा, ‘‘ वास्तविकता और नकल में बहुत मामूली फर्क होता है. मुझ पर जुनून सवार हो गया था और इसके लिए मैंने पूरी जान लगा दी थी. जब लोग कहते हैं कि ‘मैं उन्हीं की तरह लग रहा हूं’ तो यह एक अभिनेता के लिए बड़ी प्रशंसा है. मैंने नतीजों को हासिल करने के लिए सात-आठ महीने बहुत मेहनत की.’’
उन्होंने कहा कि यह किरदार निभाने का कोई मलाल नहीं है बल्कि यह उनकी शानदार भूमिका है. अभिनेता का मानना है कि विरोध-प्रदर्शन हर जगह होते हैं. खेर ने कहा, ‘‘ अच्छे और बुरे दोनों तरह के लोग होंगे. सहिष्णु और असहिष्णु लोग भी होंगे. ‘आंधी’ जैसी फिल्में हैं जिन्हें प्रतिबंधित किया गया. कुछ किताबों को भी प्रतिबंधित किया गया.’ एक जनवरी को रिलीज होने वाली फिल्म में अक्षय खन्ना बारू के किरदार में हैं.
यहां देखें फिल्म का ट्रेलर...